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खोज - 3
विश्व बाघ दिवस 29 जुलाई को एक अंतरराष्ट्रीय वार्षिक कार्यक्रम है, जो दुनिया के बाघ के संरक्षण और संरक्षण के लिए समर्पित है।
बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। 1972 तक, शेर भारत का राष्ट्रीय पशु था। बाद में बदल कर बाघ (टाइगर) कर दिया गया।
बाघ को दुनिया की सबसे बड़ी बिल्ली व शक्तिशाली शिकारी कहते है। पूर्ण गति पर, बाघ 65 किमी / घंटा तक पहुँच सकते हैं। और 40 किमी / घंटा की रफ़्तार से अपने शिकार को पकड़ते है। जो तीव्र गति व तीखे नाखुनो वाले पंजो व दांतो से अपने शिकार पर छापता मरता है। आमतौर पर अपने शिकार को अपने दांतों और पंजों से खींचता है। बाघ एकान्त शिकारी होते हैं और साधारण तौर पर रात में अकेले भोजन की तलाश करते हैं।। अगर जानवर विशाल हो तो उसकी गर्दन को काटते है अगर जानवर छोटा हो तो उसकी गर्दन तोड़ देते है। बाघ समूह में कम होते है। बाघ एक - दूसरे से अलग रहते हैं। और जंगल में अपने मूत्र और पेड़ो में पंजों से अपना क्षेत्र में निशान लगते है ताकि दूसरा प्रवेश न कर सके। 24 से 28 किलोग्राम (60 से 80 pound ) मास कहते है पर कभी - कभी 4 से 6 किलोग्राम (5 से 8 pound ) मास खा के बचे शवों को पत्तियों और गंदगी से ढक देते है। ताकि बाघ कुछ दिनों के बाद खाने के लिए वापस आते है।बाघों के सामने के पैर लंबे होते हैं, जिससे उन्हें एक छलांग में 20 - 30 फीट आगे छलांग लगाने की क्षमता मिलती है। एक बाघ की रात की दृष्टि मनुष्य की तुलना में छह गुना बेहतर है। वे अपने शरीर के वजन का 10 फीट (3 मीटर) एक पेड़ पर दो बार ले जा सकते हैं। एक बाघ की पूंछ लगभग तीन फीट लंबी होती है और तंग मोड़ बनाते समय उन्हें संतुलित करने में मदद करती है
मादा बाघ कम से कम 2 और 3 इसे अधिक शावकों के बच्चे पैदा करती है।सख्या 7 से अधिक भी हो सकती है। जन्म लेने पर 1 किलोग्राम (2.2 POUND) का भार होता है। जन्मे शावकों की बंद आँखे और असहाय शावकों को जन्म देते हैं। जो तब तक उसकी देखभाल करेंगे, जब तक कि वे एक-डेढ़ साल के नहीं हो जाते है। ये शावक अपने पहले महीने के दौरान आकार में चौगुना हो जाते हैं! किसी भी दो बाघों की धारियां एक जैसी नहीं होती हैं। बाघ शक्तिशाली तैराक होते हैं और शिकार करने या नदियों को पार करने के लिए महान दूरी पर तैरने के लिए पूरी करते है। युवा बाघ अक्सर पानी में खेलते हैं और वयस्क दिन की गर्मी के दौरान शांत रहने के लिए धाराओं या झीलों में मौज करते है। उनकी विशिष्ट धारियाँ शिकार करते समय बाघों के लिए छलावरण प्रदान करती हैं।
प्रजाति व गर्भावधि अवधि
पूरे संसार में बाघ की नौ प्रजातियाँ हैं। आज, बाघ की छः उप-प्रजातियाँ हैं।
1. बंगाल बाघ - यह बाघ भारत और बांग्लादेश में पाया जाता है। वे सबसे सामान्य प्रकार के बाघ हैं।
4. इंडो-चीनी बाघ - इंडोचाइना में पाए जाने वाले ये बाघ बंगाल बाघ से छोटे होते हैं पहाड़ी जंगलों में रहना पसंद करते हैं।
5. दक्षिण चीन का बाघ - यह बाघ का सबसे लुप्तप्राय प्रकार है। वे गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं और विलुप्त होने के निकट है।
6. मलायन टाइगर - यह बाघ केवल मलायन प्रायद्वीप के सिरे पर पाया जाता है।
बाघ की तीन उप-प्रजातियां विलुप्त हो गई हैं
7. कैस्पियन बाघ - जो पूर्वी तुर्की में पाया जाता था।
8. बाली बाघ - जो इंडोनेशिया में पाए जाते थे।
9. जवन बाघ - जो इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर विशिष्ट रूप से रहते थे।
मिश्रण से उत्त्पन
लिगर बाघ - एक नर शेर और एक मादा बाघ एक लाइगर का उत्पादन करेगा।
मादा बाघ का गर्भविध अवधि 93 - 112 दिनो ( लगभग 102 तक भी ) तक होता है।
आबादी व ध्वनि सीमा
1. जंगली बाघों की संख्या पहली बार विश्व स्तर पर बढ़ी है। सबसे अच्छे उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और ग्लोबल टाइगर फोरम (जीटीएफ) ने घोषणा की है कि अब करीब 3,900 जंगली बाघ हैं।
2. भारत 2,226 जंगली बाघों का घर है। जो विश्व में बाघों की जनसंख्या का 2/3 है। सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण बनाया है, जो पूरे भारत में 49 भंडार रखता है।
3. आज जंगल में सफेद बाघ नहीं हैं। आखिरी बार 1958 में एक ट्रॉफी शिकारी द्वारा गोली मार दी गई थी। कैद में 200 सफेद बाघ हैं, इनब्रडिंग की नौ पीढ़ियों का उत्पाद। सफेद बाघों में आमतौर पर नीली आंखें होती हैं।
4. आज बाघ भारत, बर्मा, रूस, चीन, लाओस, थाईलैंड, और इंडोनेशिया जैसे देशों में एशिया के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं। वे उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों से लेकर मैंग्रोव दलदलों तक कई प्रकार के आवासों में रहते हैं।
आप बाघ की दहाड़ को दो मील दूर तक सुन सकते हैं। (एक बाघ की दहाड़ को लगभग तीन से पाँच किलोमीटर दूर तक सुना जा सकता है।)
रंग व आकर
बाघों के तीन निश्चित रंग हैं : - मानक नारंगी और काली धारियाँ, सफेद और काली या गहरी धारियाँ, और दालचीनी धारियों वाला सुनहरा बाघ।
लंबाई: - नर 2.5 – 3.9 मीटर (वयस्क), मादा: 2 – 2.8 मीटर (वयस्क)
पूंछ की लंबाई: 2.3 - 3.6 फीट (.7 से 1.1 मीटर)
नर आकार और भार में मादा से बड़े होते है।
जीवन काल व भार
जंगली बाघ का औसत जीवनकाल 10 - 15 वर्ष है। लेकिन दुर्लभ अवसर पर, वे जंगली में 26 साल तक जीवित रहने के लिए गैर रहे हैं। पालतू बाघ की औसत जीवनकाल 15 - 20 वर्ष है और 22 वर्ष तक भी जीवित रह सकता है।
भार:- नर 90 - 310 किग्रा (वयस्क), मादा : 65 - 170 किग्रा (वयस्क)
व्यापार
बाघों का शिकार उनके खाल के साथ-साथ शरीर के अन्य अंगों के लिए भी किया जाता है, जिनका इस्तेमाल कई लोग पारंपरिक दवाओं में करते हैं। अंतर्राष्टय स्तर पर जोरो से व्यापार किया जाता है।
भोजन व यातायात
बाघ मांसाहारी होते हैं, केवल मांस खाते हैं। मुख्य रूप से हिरण, जंगली सुअर, मृग, और भैंस जैसे बड़े स्तनधारियों पर भोजन करते हैं। लेकिन वे छोटे पक्षियों से लेकर सामयिक हाथी तक सभी को मारकर खा सकते हैं। बड़े शिकार ना मिलने पर वे मछली, खरगोश और छोटे कृन्तकों को भी खाएंगे। ये सभी जानवरो को कहते है।
बाघों को पकड़ कर मनोरंजन के रूप में प्रयोग होता है जैसे : - सर्कस और चिड़ियाघर आदि।
जंगली व पालतू
ये एक मांसाहारी जंगली जानवर जो जॅंगलो में पाया जाता है। कुछ लोग बाघ को कैद में रख कर पालते भी है।
Charities and foundations
Tiger Woods has supported the following charities listed.
1. Caddy for a Cure
2. Rainforest foundation Fund
3. Shriners Hospitals for Children
4. TGR Foundation
5. Tiger Woods Learning Center
Others have more charities and foundations to support the save TIGER
Like WWF and so on.
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खोज - 3
विश्व बाघ दिवस 29 जुलाई को एक अंतरराष्ट्रीय वार्षिक कार्यक्रम है, जो दुनिया के बाघ के संरक्षण और संरक्षण के लिए समर्पित है।
बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। 1972 तक, शेर भारत का राष्ट्रीय पशु था। बाद में बदल कर बाघ (टाइगर) कर दिया गया।
बाघ को दुनिया की सबसे बड़ी बिल्ली व शक्तिशाली शिकारी कहते है। पूर्ण गति पर, बाघ 65 किमी / घंटा तक पहुँच सकते हैं। और 40 किमी / घंटा की रफ़्तार से अपने शिकार को पकड़ते है। जो तीव्र गति व तीखे नाखुनो वाले पंजो व दांतो से अपने शिकार पर छापता मरता है। आमतौर पर अपने शिकार को अपने दांतों और पंजों से खींचता है। बाघ एकान्त शिकारी होते हैं और साधारण तौर पर रात में अकेले भोजन की तलाश करते हैं।। अगर जानवर विशाल हो तो उसकी गर्दन को काटते है अगर जानवर छोटा हो तो उसकी गर्दन तोड़ देते है। बाघ समूह में कम होते है। बाघ एक - दूसरे से अलग रहते हैं। और जंगल में अपने मूत्र और पेड़ो में पंजों से अपना क्षेत्र में निशान लगते है ताकि दूसरा प्रवेश न कर सके। 24 से 28 किलोग्राम (60 से 80 pound ) मास कहते है पर कभी - कभी 4 से 6 किलोग्राम (5 से 8 pound ) मास खा के बचे शवों को पत्तियों और गंदगी से ढक देते है। ताकि बाघ कुछ दिनों के बाद खाने के लिए वापस आते है।बाघों के सामने के पैर लंबे होते हैं, जिससे उन्हें एक छलांग में 20 - 30 फीट आगे छलांग लगाने की क्षमता मिलती है। एक बाघ की रात की दृष्टि मनुष्य की तुलना में छह गुना बेहतर है। वे अपने शरीर के वजन का 10 फीट (3 मीटर) एक पेड़ पर दो बार ले जा सकते हैं। एक बाघ की पूंछ लगभग तीन फीट लंबी होती है और तंग मोड़ बनाते समय उन्हें संतुलित करने में मदद करती है
मादा बाघ कम से कम 2 और 3 इसे अधिक शावकों के बच्चे पैदा करती है।सख्या 7 से अधिक भी हो सकती है। जन्म लेने पर 1 किलोग्राम (2.2 POUND) का भार होता है। जन्मे शावकों की बंद आँखे और असहाय शावकों को जन्म देते हैं। जो तब तक उसकी देखभाल करेंगे, जब तक कि वे एक-डेढ़ साल के नहीं हो जाते है। ये शावक अपने पहले महीने के दौरान आकार में चौगुना हो जाते हैं! किसी भी दो बाघों की धारियां एक जैसी नहीं होती हैं। बाघ शक्तिशाली तैराक होते हैं और शिकार करने या नदियों को पार करने के लिए महान दूरी पर तैरने के लिए पूरी करते है। युवा बाघ अक्सर पानी में खेलते हैं और वयस्क दिन की गर्मी के दौरान शांत रहने के लिए धाराओं या झीलों में मौज करते है। उनकी विशिष्ट धारियाँ शिकार करते समय बाघों के लिए छलावरण प्रदान करती हैं।
प्रजाति व गर्भावधि अवधि
पूरे संसार में बाघ की नौ प्रजातियाँ हैं। आज, बाघ की छः उप-प्रजातियाँ हैं।
1. बंगाल बाघ - यह बाघ भारत और बांग्लादेश में पाया जाता है। वे सबसे सामान्य प्रकार के बाघ हैं।
2. साइबेरिया का बाघ - यह बाघों में सबसे बड़ा है और पूर्वी साइबेरिया में पाया जाता है।
3. सुमित्रन बाघ - सुमात्रा द्वीप पर ही पाया जाता है, ये बाघों के सबसे छोटे प्रकार हैं।4. इंडो-चीनी बाघ - इंडोचाइना में पाए जाने वाले ये बाघ बंगाल बाघ से छोटे होते हैं पहाड़ी जंगलों में रहना पसंद करते हैं।
5. दक्षिण चीन का बाघ - यह बाघ का सबसे लुप्तप्राय प्रकार है। वे गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं और विलुप्त होने के निकट है।
6. मलायन टाइगर - यह बाघ केवल मलायन प्रायद्वीप के सिरे पर पाया जाता है।
बाघ की तीन उप-प्रजातियां विलुप्त हो गई हैं
7. कैस्पियन बाघ - जो पूर्वी तुर्की में पाया जाता था।
8. बाली बाघ - जो इंडोनेशिया में पाए जाते थे।
9. जवन बाघ - जो इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर विशिष्ट रूप से रहते थे।
मिश्रण से उत्त्पन
लिगर बाघ - एक नर शेर और एक मादा बाघ एक लाइगर का उत्पादन करेगा।
मादा बाघ का गर्भविध अवधि 93 - 112 दिनो ( लगभग 102 तक भी ) तक होता है।
आबादी व ध्वनि सीमा
1. जंगली बाघों की संख्या पहली बार विश्व स्तर पर बढ़ी है। सबसे अच्छे उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और ग्लोबल टाइगर फोरम (जीटीएफ) ने घोषणा की है कि अब करीब 3,900 जंगली बाघ हैं।
2. भारत 2,226 जंगली बाघों का घर है। जो विश्व में बाघों की जनसंख्या का 2/3 है। सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण बनाया है, जो पूरे भारत में 49 भंडार रखता है।
3. आज जंगल में सफेद बाघ नहीं हैं। आखिरी बार 1958 में एक ट्रॉफी शिकारी द्वारा गोली मार दी गई थी। कैद में 200 सफेद बाघ हैं, इनब्रडिंग की नौ पीढ़ियों का उत्पाद। सफेद बाघों में आमतौर पर नीली आंखें होती हैं।
4. आज बाघ भारत, बर्मा, रूस, चीन, लाओस, थाईलैंड, और इंडोनेशिया जैसे देशों में एशिया के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं। वे उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों से लेकर मैंग्रोव दलदलों तक कई प्रकार के आवासों में रहते हैं।
आप बाघ की दहाड़ को दो मील दूर तक सुन सकते हैं। (एक बाघ की दहाड़ को लगभग तीन से पाँच किलोमीटर दूर तक सुना जा सकता है।)
रंग व आकर
बाघों के तीन निश्चित रंग हैं : - मानक नारंगी और काली धारियाँ, सफेद और काली या गहरी धारियाँ, और दालचीनी धारियों वाला सुनहरा बाघ।
लंबाई: - नर 2.5 – 3.9 मीटर (वयस्क), मादा: 2 – 2.8 मीटर (वयस्क)
पूंछ की लंबाई: 2.3 - 3.6 फीट (.7 से 1.1 मीटर)
नर आकार और भार में मादा से बड़े होते है।
जीवन काल व भार
जंगली बाघ का औसत जीवनकाल 10 - 15 वर्ष है। लेकिन दुर्लभ अवसर पर, वे जंगली में 26 साल तक जीवित रहने के लिए गैर रहे हैं। पालतू बाघ की औसत जीवनकाल 15 - 20 वर्ष है और 22 वर्ष तक भी जीवित रह सकता है।
व्यापार
बाघों का शिकार उनके खाल के साथ-साथ शरीर के अन्य अंगों के लिए भी किया जाता है, जिनका इस्तेमाल कई लोग पारंपरिक दवाओं में करते हैं। अंतर्राष्टय स्तर पर जोरो से व्यापार किया जाता है।
भोजन व यातायात
बाघ मांसाहारी होते हैं, केवल मांस खाते हैं। मुख्य रूप से हिरण, जंगली सुअर, मृग, और भैंस जैसे बड़े स्तनधारियों पर भोजन करते हैं। लेकिन वे छोटे पक्षियों से लेकर सामयिक हाथी तक सभी को मारकर खा सकते हैं। बड़े शिकार ना मिलने पर वे मछली, खरगोश और छोटे कृन्तकों को भी खाएंगे। ये सभी जानवरो को कहते है।
बाघों को पकड़ कर मनोरंजन के रूप में प्रयोग होता है जैसे : - सर्कस और चिड़ियाघर आदि।
जंगली व पालतू
ये एक मांसाहारी जंगली जानवर जो जॅंगलो में पाया जाता है। कुछ लोग बाघ को कैद में रख कर पालते भी है।
Charities and foundations
Tiger Woods has supported the following charities listed.
1. Caddy for a Cure
2. Rainforest foundation Fund
3. Shriners Hospitals for Children
4. TGR Foundation
5. Tiger Woods Learning Center
Others have more charities and foundations to support the save TIGER
Like WWF and so on.
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